करो फिर से कोई वादा कभी न बिछड़ने का बिछड़ने पर शायरी, गिला शिकवा << अभी तो साथ चलना है हमसे खेलती रही दुनिया ताश... >> करो फिर से कोई वादा कभी न बिछड़ने का,तुम्हें क्या फर्क पड़ता है फिर से मुकर जाना! Share on: